बंगाल सरकार की राजनीतिक हिंसा की जांच पर रोक लगाने की मांग हुई खारिज
![Bengal government's demand for a stay on the investigation of political violence rejected](https://newsofbengal.com/wp-content/uploads/2021/06/Bengal-governments-demand-for-a-stay-on-the-investigation-of-political-violence-rejected.jpg)
डेस्क: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2021 के बाद कई इलाकों में राजनीतिक हिंसा देखने को मिली। इस हिंसा का आरोप राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर लगाया गया था। वहीं ममता बनर्जी का कहना था यह भाजपा की एक सोची समझी साजिश है।
राजनीतिक हिंसा की इस मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बंगाल आने की घोषणा की गई थी। लेकिन बंगाल सरकार द्वारा कोलकाता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार द्वारा जाने वाले जांच को रोकने की मांग की गई।
बंगाल सरकार द्वारा दायर की गई याचिका को कोलकाता हाई कोर्ट के 5 जजों की पीठ ने खारिज कर दिया। बता दें कि हाई कोर्ट द्वारा चुनाव के बाद हुए हिंसा से संबंधित दायर किए गए जनहित याचिकाओं को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बंगाल भेजने का फैसला लिया गया था।
हाई कोर्ट द्वारा फैसला लेने के बाद 2 दिन के बाद बंगाल सरकार द्वारा यह आदेश वापस लेने के लिए याचिका दर्ज की गई थी जिसे कोलकाता हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। 21 जून के दिन जो कथा हाईकोर्ट के अजय की पीठ ने अपने पूर्व आदेश को वापस लेने से साफ इनकार कर दिया।
बता दें कि हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिकाओं में यह भी बताया गया है हिंसा की वजह से कई लोगों को अपना घर तक छोड़ कर भागना पड़ा। चुनाव के बाद कई भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई, उनके संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया गया तथा हिंसा में कईयों की जानें भी गई।