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21 जून को सूर्यग्रहण, छह ग्रह चलेंगे उल्टी चाल, कोरोना की शुरू होगी उल्टी गिनती

कोरोना कि उल्टी गिनती शुरू!

डेस्क: 21 जून को सूर्यग्रहण लगेगा. इसे कंकणाकृति सूर्यग्रहण कहेंगे. ज्योतीषियों के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या को लगनेवाले इस सूर्यग्रहण के दिन छह ग्रह उल्टी चाल चलेंगे. उन ग्रहों में शुक्र, शनि, गुरु, बुध, राहु और केतु हैं. वहीं उनकी माने तो सूर्यग्रहण का प्रभाव पूरी दुनिया पर अच्छा पड़ेगा. इस ग्रहण के बाद से ही कोरोना महामारी का असर खत्म होना शुरू होगा.

भारत में दिखने वाले इस सूर्यग्रहण का बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा. 18 जून से 25 जून तक सात दिनों के लिए छह ग्रह वक्री रहेंगे. गुरु और शनि का एक साथ मकर राशि में दुर्लभ योग भी बनेगा. इससे पहले यह योग 1961 में देखने को मिला था, जब गुरु नीच राशि मकर और शनि स्वयं की राशि मकर में एक साथ युति बनाते हुए वक्री हुए थे. इन ग्रहों के वक्री होने का दुनियाभर में महामारी का असर कम होने की उम्मीद है. अर्थव्यवस्था में सुधार के भी योग हैं.

इस दिन आकाश में अद्भुत नजारा देखने मिलेगा. आसमान में दिन में भी तारे दिखायी देंगे. लगभग तीन सेकेंड के लिए दिन में पूरा अंधेरा छा जायेगा. 21 जून को शुक्र ग्रह सूर्य से लगभग 25 अंश पश्चिम की ओर तथा बुध ग्रह सूर्य से लगभग 14 अंश पूर्व की ओर दिखायी देंगे. तारामंडल में मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या राशियों के ग्रह और नक्षत्र पश्चिम से पूर्व क्षितिज तक इस समय अधिकतम 30 सेकेंड के लिए टिमटिमाते दिखायी देंगे. सूर्यग्रहण में कंकणाकृति प्रारंभ होने से 3-4 सेकेंड पहले ही पश्चिम क्षितिज की ओर एक विशालकाय काली छाया तेज गति से तूफान की तरह भागती दिखायी देगी. साथ ही दिन में अंधेरा हो जायेगा.

21 जून को सूर्यग्रहण, छह ग्रह चलेंगे उल्टी चाल, कोरोना की शुरू होगी उल्टी गिनती

 

प्रमुख समय

सूर्यग्रहण का स्पर्श : सुबह 10.31 बजे होगा
कंकणाकृति : सुबह 9.16 बजे शुरू होगा
ग्रहण का मध्य : दोपहर 12.18 बजे रहेगा
मोक्ष : ग्रहण दोपहर 2.04 बजे तक रहेगा.
ग्रहण काल करीब 5.48 घंटे तक रहेगा
कंकणाकृति 1 घंटा 17 मिनट तक दिखायी देगा

इन स्थानों पर दिखाई देगा सूर्यग्रहण

सूर्यग्रहण भारत सहित अफ्रीका, दक्षिण पूर्वी यूरोप, मध्य-पूर्व एशिया, (उत्तरी व पूर्वी रूस क छोड़कर), इंडोनेशिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, इराक, इरान, सऊदी अरब, दक्षिण चीन, फिलीपींस सहित हिंद-प्रशांत महासागर में दिखायी देगा.

 

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