मेदिनीपुर में प्रधानमंत्री ने दिया बांग्ला में भाषण
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले जहां सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी व उसके नेताओं को बहिरागत (बाहरी) बता रही है. उन्हें बंगाल की संस्कृति का ज्ञान नहीं होने का दावा करती है.
वहीं भारतीय जनता पार्टी खुद को बंगाल व भारतीय संस्कृति के रक्षक के तौर पर पेश करती है. पूर्व मेदिनीपुर के हल्दिया में प्रधानमंत्री ने खुद को बंगाली जनमानस से कनेक्ट करने के लिए बांग्ला भाषा में लंबा भाषण दिया.
उन्होंने कहा, ‘मेदिनीपुरेर ऐ प्रबुद्ध माटी ते आसते पेरे निजे के धन्न मोने कोरची. विप्लनी खुदीराम बसुर ऐ माटी, … ऐ माटी ते गठित होई छिलो ताम्रलिप्त सरकार. ऐ माटीर विद्यासागर महाशय विश्य के वर्ण परिचय दियेछिलेन.’ (मेदिनीपुर की इस प्रबुद्ध धरती पर आ पाने के लिए मैं खुद को धन्य मानता हूं. क्रांतिकारी खुदीराम बोस की यह धरती,…
इसी धरती पर ताम्रलिप्त सरकार (अंग्रेजों से मुक्त भारत की पहली स्वतंत्र सरकार), इस धरती पर जन्में थे विश्व को वर्ण परिचय देनेवाले ईश्वरचंद्र विद्यासागर महाशय.) बांग्ला में भाषण पर उन्होंने सभा में पहुंचे लोगों की खूब तालियां बटोरीं.
साथ ही उन्होंने कहा, भारत ही नहीं, पूरी दुनिया को दिशा दिखानेवाले बंगाल को मैं नमन कर रहा हूं. भारत आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. ऐसे में इस मिट्टी को प्रणाम करता हूं, जहां से क्रांतिकारी पैदा हुए.