बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर दुर्लभ प्रजाति के 36 कबूतर को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया
डेस्क: दिनांक 08 मार्च, 2022 को, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने भारत–बांग्लादेश सीमा पर वन्य जीवों की तस्करी को नाकाम करते हुए 36 कबूतर को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। तस्कर इन सभी पंछियों को सीमा चौकी तराली, उत्तर 24 परगना जिले के इलाके से तस्करी कर बांग्लादेश से भारत में लाने की कोशिश कर रहे थे।
दिनांक 08 मार्च, 2022 को सीमा चौकी तराली, 112 वीं वाहिनी, सेक्टर कोलकाता के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रूटीन ड्यूटी पर तैनात थे। लगभग 1610 बजे, बीएसएफ के जवानों ने 02 संदिग्ध व्यक्तियों की हरकत देखी जो अपने साथ कुछ बैग लिए हुए बांग्लादेश से भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। जब ड्यूटी पर तैनात जवानों ने उसे चुनौती दी। दोनों ही तस्कर बैग को फेककर अंधेरे तथा सघन बस्ती का फायदा उठाकर वापस बांग्लादेश की तरफ भाग गये। जब बीएसएफ पार्टी ने इलाके की सघन तलाशी ली तो पास के खेत से 06 नायलॉन बैग बरामद हुआ जिसके अंदर से अलग-अलग रंगों के 36 कबूतर को आजाद कराया गया।
तस्करों के चंगुल से बचाए गए सभी पंछियों (कबूतर) को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए कस्टम कार्यालय तेन्तुलिया को सौंप दिया गया हैं। जन संपर्क अधिकारी, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने 112 वीं वाहिनी के जवानों की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की, जिसमे उन्होंने तस्करी को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाती के 36 कबूतर को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर तैनात जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है। अधिकारी ने साफ शब्दों में कहा कि उनके जवानों की नजरों से कुछ भी नही छिप सकता ।