रात के अंधेरे में भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे चार बांग्लादेशी घुसपैठिए को बीएसएफ ने दबोचा
डेस्क: बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश अंतररराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 153वीं बटालियन घुसपैठियों के मंसूबों को लगातार विफल कर रही है। बटालियन के जवानों ने घुसपैठ की एक और बड़ी कोशिशों को नाकाम करते हुए जिले के घोजाडांगा सीमा चौकी इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से अवैध तरीके से भारत में घुसने की कोशिश कर रहे चार बांग्लादेशी युवकों को गिरफ्तार किया है।
153वीं बटालियन के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने बताया कि चारों घुसपैठियों को बुधवार रात करीब 10 बजे उस वक्त पकड़ा गया जब वे रात के अंधेरे में सीमा को लांघ कर घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। सूचना मिलने के बाद बीएसएफ की क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) को तुरंत मौके पर भेजकर चारों तरफ से घेर कर जीरो लाइन पर ही उन्हें दबोच लिया।
जहां से इन चारों को पकड़ा गया उस इलाके में सीमा पर फेंसिंग नहीं लगी है, इसका फायदा उठाकर दलालों की मदद से ये लोग घुसने की कोशिश कर रहे थे लेकिन सतर्क जवानों ने इनकी योजना पर पानी फेर दिया। बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में चारों युवकों ने बताया कि वे दक्षिण 24 परगना जिले में कामकाज के सिलसिले में जाना चाहते थे।
पकड़े गए लोगों की पहचान मोहम्मद दिलु विश्वास (18), शेख इमामुल (18), मोहम्मद हमीम (23) व शेख नूरजमाल (24) है। ये चारों बांग्लादेश के यशोर जिले के रहने वाले हैं। इनके पास से करीब 3,000 रुपये नकदी एवं चार मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
सीमा पार कराने के लिए दलाल को दिए थे 12- 12 हजार रुपये
बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में खुलासा किया कि इनमें से दो ने सीमा पार कराने के लिए दलाल को 12- 12 हजार रुपये दिए थे। वहीं, दो अन्य से दलाल ने प्रति व्यक्ति छह से सात हजार रुपये लिए थे। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए दोनों को बसीरहाट थाने के हवाले कर दिया है। बीएसएफ कमांडेंट का कहना है आगे की जांच व कड़ाई से पूछताछ के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि आखिर चारों बांग्लादेशी युवक किस उद्देश्य से आने की कोशिश कर रहे थे।
सतर्कता के कारण नाकाम हो रही घुसपैठ व तस्करी: बीएसएफ कमांडेंट
इधर, इस सफलता पर बीएसएफ कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने जवानों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि यह उनके जवानों द्वारा ड्यूटी पर दिखाई गई सतर्कता के कारण ही यह संभव हो सका है। उन्होंने आगे कहा कि उनके जवान सीमा पर घुसपैठ और तस्करी जैसे अपराधों को रोकने के लिए ‘शून्य तस्करी’ के संकल्प को पूरा करने के लिए पूरी तरह से दृढ़ और प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि उनके बटालियन क्षेत्र से आगे भी तस्करी व घुसपैठ की एक भी घटना को सफल नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि करीब दो हफ्ते पहले भी 153वीं बटालियन के सतर्क जवानों ने घोजाडांगा सीमा चौकी इलाके से ही मवेशियों की तस्करी की फिराक में घुसे तीन बांग्लादेशी युवकों को सीमा पर ही रंगे हाथों दबोचा लिया था।तीनों बांग्लादेश के सतखीरा जिले के रहने वाले थे।