सीमा प्रहरी ने साँप काटे व्यक्ति को सही समय पर अस्पताल पहुँचाकर बचाई जान
तस्करो के हौंसले परस्त के बाद मानवता की मिशाल पेश कर रहे सीमा प्रहरी
डेस्क: अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के साथ साथ बीएसएफ के जवान सीमा के पास रहने वाले लोगों की सुरक्षा का जिम्मा भी बखूबी निभा रहे हैं।
जब से बरसात का मौसम शुरू हुआ है तभी से साँपो ने इस इलाके में अपना कहर बरसाया हुआ है। आये दिन साँप काटने की कोई न कोई घटना सुनने में आ रही है।
लेकिन बीएसएफ के जवानों ने सही समय पर लोगों को उपचार दिला कर उनकी जान ही नहीं बचाई अपितु उनके परिवार को होने वाले असहनीय पीड़ा से भी बचाया।
बीएसएफ की 86 वीं वाहिनी, सेक्टर बरहमपुर के क्षेत्र में आने वाले कुटीपरा गांव (शिकारपुर) में 05 सिंतबर को बिभास मंडल नमक 51 वर्षीय व्यक्ति घर का काम कर रहा था। अचानक उसे एक जहरीले साँप ने काट लिया।
बॉर्डर आउट पोस्ट शिकारपुर के कंपनी कमांडर से जब परिवार वालों ने मदद की गुहार लगाई तो उन्होंने बिना देर किए एक नर्सिंग सहायक के साथ बीएसएफ एम्बुलेंस को बिभास मंडल के घर भेज दिया।
नर्सिंग सहायक ने प्राथमिक उपचार के उपरांत बेहतर इलाज के लिए उसे सरकारी ग्रामीण अस्पताल करीमपुर में भर्ती कराया। फिलहाल मरीज की हालत ठीक बताई जा रही है।
बिभास मंडल के परिजनों ने सीमा सुरक्षा बल के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि अगर बीएसएफ ने सही समय पर मदद नहीं की होती तो साँप का जहर बिभास के पूरे शरीर में फैल जाता जिससे कोई बड़ी अनहोनी भी हो सकती थी।
सुरेंद्र कुमार, कमांडिंग ऑफिसर, 86 वीं बटालियन ने कहा कि हमारे जवान अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं।
पिछले कुछ दिनों से साँप काटने की घटना लगातार सामने आ रही है। तस्करो के हौंसले परस्त करने के साथ साथ जवानों का जज्बा देखने लायक है जो मानवता की अनूठी मिशाल पेश कर रहे हैं।
ऐसी स्थिति में बीएसएफ के जवानों ने मरीज़ों को सही समय पर अस्पताल पहुँचाकर उनका उपचार कराया और उनकी जान बचाई। अधिकारी ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में बीएसएफ के जवान लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं।