डेस्क: 22 फरवरी को सीमा चौकी कालांची , 112 वी वाहिनी बीएसएफ, सेक्टर कोलकाता के जवान अक्षय कुमार सिंह अपने क्षेत्र में ड्यूटी कर रहे थे. शाम 4.45 बजे के करीब उन्होंने लगभग 400 से 500 टीएमसी कार्यकर्ताओं की एक रैली को देखा. बहुत से कार्यकर्ता मोटरसाइकिलों पर थे, जो कि गांव गरजला से होकर भारत-बांग्लादेश बॉर्डर रोड द्वारा गांव कालांची के तरफ जा रहे थे.
भारत – बांग्लादेश बॉर्डर रोड की ओर बढ़ते हुए भारी भीड़ को देख, ड्यूटी पर तैनात जवान अक्षय कुमार सिंह ने रैली को रोका और उनसे सीमा सड़क द्वारा बहुत अधिक मात्रा में इकठ्ठा होकर जाने के लिए कंपनी कमांडर की अनुमति के बारे में पूछा. इसी दौरान, रैली में से एक शराबी व्यक्ति ने बीएसएफ जवान अक्षय कुमार सिंह को धक्का दिया और उसे रोकने की कोशिश की, जो सीमा पर सक्रिय सरकारी ड्यूटी पर थे. जवान अक्षय कुमार सिंह ने इस मामले की जानकारी सीमा चौकी कालांची के सहायक कंपनी कमांडर आदित नारायण को दी.
सूचना मिलने पर सहायक कंपनी कमांडर 05 जवानों के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे. बीएसएफ के जवानों को देखते ही शराबी व्यक्ति घटनास्थल से गायब हो गए. इसके अलावा, सहायक कंपनी कमांडर ने रैली में मौजूद व्यक्तियों के साथ शांति से बात की और उन्हें शांत किया. सहायक कंपनी कमांडर और रैली में मौजूद व्यक्तियों के बीच सौहार्दपूर्ण बातचीत के बाद, रैली भारत बांग्लादेश बॉर्डर रोड से वापस चली गई.
हालाँकि, सीमा की आबादी के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने के एक संकेत के रूप में, सहायक कंपनी कमांडर ने टी. एम.सी. रैली के प्रतिभागियों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई / प्राथमिकी दर्ज नहीं की, जब कि बिना अनुमति भारत – बांग्लादेश बॉर्डर रोड पर रैली निकालना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है और बीएसएफ को रैली में मौजूद कार्यकर्ताओ के विरुद्ध कार्यवाई करने की आवश्यकता थी, क्योंकि रैली में से कुछ व्यक्ति ने बीएसएफ के जवान के साथ मारपीट की जो अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सरकारी ड्यूटी कर रहा था.
इस तरह का प्रकरण सरकारी ड्यूटी में बाधा पैदा करता है, लेकिन बाद में यह ध्यान में आया कि पूरे मामले को राजनीतिक रंग दे दिया गया है और रैली के प्रतिभागियों की पिटाई का झूठा आरोप बीएसएफ कर्मियों के खिलाफ गायघाट पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.
आज बीएसएफ कर्मियों के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे, मनगढ़ंत और निराधार हैं. तत्पश्चात आज 23.2.21 को आज बीएसएफ कंपनी कमांडर 112 बटालियन ने भी पुलिस स्टेशन गाईघाटा में काउंटर एफ आई आर दर्ज करवा दी, ताकि अपराधियों के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जा सके.
पश्चिम बंगाल राज्य में आने वाले समय में राजनैतिक गतिविधियों के दौरान राजनीतिक पार्टियों को सीमा सुरक्षा बल का नाम अपने स्वार्थ के लिए घसीटना देश की सुरक्षा के साथ समझौता करने के बराबर होगा.क्योंकि सीमा सुरक्षा बल के जवान मातृभूमि की रक्षा के लिए पूरे अनुशासन, दृढ़ता और आत्मसमर्पण के भाव से जुटे हुए हैं.
उनका राजनैतिक दृष्टिकोण तटस्थ होता है. अतः राजनीतिक पार्टियों को पूरी जिम्मेवारी, सूझबूझ तथा दूरदर्शिता का परिचय देना होगा जिससे कि देश की सुरक्षा में जुटे सीमा प्रहरीयों का मनोबल उच्च स्तर पर बना रहे.