नेताजी के प्रपौत्र ने कही बोस की कुछ अनसुनी दास्तान
डेस्क. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर नेताजी के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस ने इतिहास के कई तथ्यों पर इतिहास के कई पन्नों के बारे में बताएं, जो आज तक भारतवर्ष में भी किसी को पता नहीं.
उन्होंने बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक ऐसे शख्स थे, जिन्होंने न सिर्फ देश को आजाद करने के लिए, बल्कि हर धर्म को हर जाति को एक साथ लेकर आजादी के लिए प्रोत्साहित किया.
उन्होंने बताया कि हमारा देश 15 अगस्त 1947 से पहले ही आजाद हो चुका था. 14 अप्रैल 1944 को ही आजाद हिंद फौज अपने देश को आजादी दिला देते. उन्होंने यह भी बताया कि आजाद हिंद फौज की स्थापना नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने नहीं, बल्कि एक और महानायक ने किया. जिनका नाम है रासबिहारी बोस और कैप्टन मोहन सिंह.
नेताजी के परपोते ने यह भी बताया कि 14 अप्रैल 1944 को आजाद हिंद फौज ने कर्नल शौकत अली मलिक के म्यांमार से इंफाल के मोईरंग क्षेत्र का रुख किया था. मोईरंग और नागालैंड के आधे हिस्से पर उन्होंने विजय प्राप्त की थी.नेताजी ने आजाद हिंद फौज को मजबूत किया. पूरे 60000 सैनिकों को नेताजी ने इस तरीके से सशक्त कर दिया था कि अंग्रेज की सेना उनके सामने टिक नहीं पायी.
उनको अपने घुटने टेकने पड़े. वहां उन्होंने 3 महीने तक मायरो और नागालैंड के आधे हिस्से पर पूरे 3 महीने तक हमारे भारत की सरकार रही.