न्यूज डेस्क ।
कोलकाता। नामचीन फुटबाल मेहताब हुसैन ने बीजेपी का दामन थामने के 24 घंटे के भीतर ही राजनीति छोडने की घोषणा की। जब मीडिया मेहताब के भाजपा की सदस्यता को लेकर राज्य की राजनीति में परिवर्तन की बात कह रहा था, उसी समय मेहताब ने अपने फेसबुक पेज पर राजनीति छोडने की बात कहकर प्याले में तूफान ला दिया। यहां तक कि राज्य भाजपा सुप्रीमो श्री घोष ने भी इसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया है। इस घटना के पीछे जो भी कारण हो, पर यह साफ है कि आने वाले समय में तृणमूल कांग्रेस को भाजपा सीधे टक्कर देने की रणनीति पर काम कर रही है। सबसे अहम सवाल यह है कि क्या तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व को मेहताब के भाजपा का दामन थामने की खबर थी। अगर नहीं तो क्यान यह संभव नहीं कि पार्टी के अंदर अभी भी ऐसे मेहताब हैं, जो आने वाले समय में भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हालांकि स्वंथय तृणमूल सुप्रीमो ने 21 जुलाई को अपने राजनीतिक संदेश में इस बात का जिक्र किया कि जो लोग भूलवश भाजपा में चले गए हैं वह वापस लौट जाएं। क्योंकि सव्यसाची व शोभन जैसे लोगों के साथ उनलोगों के लिए भी संदेश था, जो भाजपा जाने का मन बना रहें हैं। ममता बनर्जी राजनीति की माहिर खिलाडी हैं, वह आसन्नो खतरे का भांप कर ही अपना बयान दे रहीं हैं। सांगठनिक फेरबदल भी इसी खतरे से निपटने की तकनीक है। अभी राज्ये में चुनाव होने वाले हैं, माकपा व कांग्रेस समेत सभी दल अपनी अपनी रणनीति पर काम कर रहें हैं। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी के सामने अपने शक्ति प्रदर्शन के साथ सांगठनिक रुप से एकजुट रहने की चुनौती स्पष्ट रुप से महसूस हो रही है।