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बंगाल में काम नहीं आ रहा ‘स्वास्थ्य साथी कार्ड’, इलाज नहीं होने से परिवार ने लगाई इच्छा मृत्यु की गुहार

मालदा: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी पर केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना नहीं लागू किये जाने को लेकर प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री अमित शाह सहित सभी भाजपा नेता लोगों को लाभ से वंचित रखने का आरोप लगाते रहे हैं. वहीं ममता बनर्जी की पार्टी और मंत्री राज्य में सभी को स्वास्थ्य साथी कार्ड देने को आयुष्मान भारत से बड़ी योजना बताती आयी है.

इस स्वास्थ्य साथी कार्ड को बनाने के लिए द्वारे सरकार योजना चला कर हर परिवार को कार्ड मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन इस कार्ड से अस्पतालों में चिकित्सा सेवा नहीं मिलने की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं
मालदा के एक परिवार ने तो इलाज नहीं मिलने पर इच्छामृत्यु की गुहार लगाई है.

क्या है मामला?

स्वास्थ्य साथी कार्ड रहने के बावजूद सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं मिलने से क्षुब्ध एक मरीज व उसके परिवार वालों ने सरकार से इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की गुहार लगाई है। मालदा जिले के हरिश्चंद्रपुर थाना इलाके में इस मामले के प्रकाश में आने के बाद इलाके में हलचल मच गई है ।

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वही मीडिया में खबर आने के बाद चांचल महाकुमा प्रशासन ने मरीज की सहायता करने की बात कही है । यह कहानी है जटिल बीमारी से पीड़ित मालदा जिले के हरिशचंद्रपुर थाना के बारोडांगा गांव की रहने वाला है पिंकी दास ( 24 ) की। पिंकी और उसका परिवार जटिल रोग के इलाज के लिए शहर के सभी नर्सिंग होम में दौड़ लगाती रही लेकिन कहीं उन्हें इलाज नसीब नहीं हुआ।

मजबूरन उन्होंने पंचायत कार्यालय के समक्ष सपरिवार इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की गुहार लगाई है । पिंकी पति के अत्याचार से तंग आकर दो संतान जे साथ कुछ वर्ष पहले ससुराल छोड़कर पिता के घर चली आयी। तब से वह यहीं रहती है। उसके पिता पेशे से वैन चालक है। माँ श्रमिक हैं। स्वास्थ्य साथी कार्ड होने के बावजूद उसका इलाज नहीं हो पा रहा है।

आखिरकार यह परिवार पिंकी के इलाज के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है। इतना ही नहीं प्रशासन के जरिए यह परिवार मुख्यमंत्री से भी मदद के लिए आवेदन किया है। हरिशचंद्रपुर एक नंबर ब्लॉक के अंतर्गत बारोडांगा गांव की निवासी पिंकी दास की 10 वर्ष पहले बगल के तुलसीहाट ग्राम पंचायत के मिर्जातपुर गांव के रंजीत दास के साथ विवाह हुआ था ।उसके दो छोटे-छोटे बच्चे

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