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कोविड 19 महामारी से जीतने के लिए दुनियां के सभी देशों को एकजूट होना होगा: डा प्रेम रावत

कामनवेल्थ सचिवालय ने जूम एप के माध्‍यम से मनाई अपनी 55वीं वर्षगांठ

कोलकाता/नई दिल्ली। कामनवेल्थ सचिवालय ने बीते एक जुलाई को अपनी 55वीं वर्षगांठ मनाई जिसमें दुनियां भर से विचारकों व नामचीन हस्तियों ने भाग लेकर अपने विचार प्रकट किये। इस अवसर पर कामनवेल्थ के महासचिव आरटी मैरोनेस पैट्रिसिया स्काटटलैंड क्यून सी ने कहा कि बीते पचपन सालों में कामनवेल्थस देशों ने तूफान, सूखे और लडाइयों का सामना किया है। उन्होंने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के भाषण का उल्लेख करते हुए कामनवेल्थ के निर्माण में उनकी भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कोविड 19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों की भी चर्चा की। साथ ही इस महामारी से लडने के लिए वैश्विक एकजूटता पर बल दिया। सम्मेीलन में भारत की ओर से शांतिदूत प्रेम रावत ने कहा कि कामनवेल्थ के लिए यह जरुरी है कि सभी मिलकर शांति और समृद्धि के लिए प्रयास करें मिलकर काम करनें से कोरोना महामारी पर विजय प्राप्त् होगी। मानवता के लिए सभी को मिलकर काम करने की जरुरत है। प्रोफेसर प्रजापति ने भी श्री रावत के विचार की सराहना की। साथ ही विश्व भर में प्रेम रावत जी के द्वारा शांति के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में बतलाया।
सम्मेरलन का आयोजन फ्रैंडस ऑफ कामनवेल्था सेक्रेटरीअल समूह ने किया था। जिनका विश्वालस है कि कामनवेल्था देशों के संगठन में सचिवालय सभी के लिए अहम भूमिका निभा रहा है। इस अवसर पर सेक्रेटरिएट के सदस्य् वाई कुरैशी भी शामिल थे। वह भारत के मुख्या चुनाव आयुक्त रह चुके हैं। उनके अलावा पूर्व गृह सचिव व भारत प्रशासनिक स्टाचफ कालेज के चेयरमैन के पदमनाभा, महेंद्र एंड महेंद्र समूह के पूर्व अध्ययक्ष राजीव दूबे, फिक्कीन के पूर्व अध्यक्ष डा अलवीन दीदार सिंह, पूर्व कृषि सचिव श्रीमती राधा सिंह, विश्व बैंक के पूर्व अर्थशास्त्री प्रोफेसर प्रजापति त्रिवेदी ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।

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