अभिषेक पाण्डेय, सागरद्वीप के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में इतना सुनसान गंगासागर मेला कभी नहीं देखा. निसंदेह इसका कारण कोरोना वायरस ही है. तीर्थ यात्रियों से लबालब भरी रहने वाली सड़कें पूरी की पूरी सुनसान हैं. मूड़ी गंगा में चलने वाली स्टीमरों को भी खाली देखा जा रहा है. बस कुछ गिने-चुने लोग ही हैं जो इन पर सवार हैं.
हालत तो ऐसी है कि गंगासागर यात्रियों से ज्यादा पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य कर्मी एवं सिविक वॉलिंटियर ही वहां दिखाई पड़ रहे हैं. पिछले साल इस समय तक गंगासागर में लगभग लाखों की भीड़ इकट्ठा हो चुकी थी. मगर इस साल ये आंकड़ा 30,000 भी नहीं पहुंच पाई है.
हालांकि जैसे जैसे दिन बीत रही है लोगों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है फिर भी यह संख्या पहले जैसी नजर नहीं आ रही है. कहा ऐसा जा रहा है कि गंगासागर में भीड़ न उमड़ने का मुख्य कारण कोलकाता हाई कोर्ट का फैसला है. लोगों की नजरें कोलकाता हाई कोर्ट के बुधवार को आने वाले फैसले पर टिकी हुई है.
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीवी राधाकृष्णन पुण्य स्नान से ठीक 1 दिन पहले इस पर अपना फैसला सुनाएगी ऐसे में श्रद्धालु असमंजस में है की उन्हें पुण्य स्नान के लिए जाना चाहिए या नहीं