न्यज बंगाल डेस्क। एक कहावत मशहूर थी कि जो बंगाल आज सोचता है वह देश बाद में सोचता है। कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीवी राधाकृष्णन ने इस उक्ति को पूरी तरह चरितार्थ कर दिया है। उन्होंने 200 साल पुरानी ब्रिटिश परंपरा को तोडने की मिसाल कायम की है। जिसके तहत अब यहां के वकीलों को मी लार्ड की बजाय केवल सर से संबोधन करने की सलाह दी गयी है।