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बंगाल विधानसभा चुनाव में बढ़ रहा विवादित बयानों का सिलसिला

डेस्क, जैसे-जैसे बंगाल विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं का एक दुसरे को निचा दिखाने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. बंगाल में विधानसभा चुनाव की घोषणा जल्द ही होने वाली है.

आपको बता दें कि पिछले वर्ष दिल्ली में देश के गद्दारों को गोली मारने से सम्बंधित नारा देने के कारण भारतीय जनता पार्टी की काफी किरकिरी हुई थी. लेकिन अब सभी नेता व कार्यकर्ता एक दुसरे के प्रति विवादित बयान दे रहे हैं. यहाँ तक कि भगवान राम और सीता माता को नहीं छोड़ रहे हैं.

एक ओर तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष जनता को संबोधित करते हुए भाजपा नेता शोभन चटर्जी के बेडरूम तक पहुंच जा रहे हैं तो दूसरी ओर मदन मित्रा कहते हैं कि बंगाल मांगोगे तो चीर देंगे|

तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी भगवान राम और माता सीता को लेकर दिए गए विवादित बयान के कारण चारों ओर से हो रहे निंदा के शिकार हुए हैं. ऊपर से तृणमूल नेता व पूर्व परिवहन मंत्री मदन मित्र का कहना है कि अगर शुभेंदु अधिकारी चुनाव जीतेंगे तो वह अपना हाथ का पंजा काट लेंगे.

आखिर इतनी दुर्भावना क्यों ?
चुनाव में हार-जीत तो होती ही रहती है |

हर 5 वर्ष पर विधानसभा का चुनाव होगा , स्वतंत्र भारत में कभी ऐसा नहीं हुआ कि एक ही दल की सत्ता पर हमेशा कब्ज़ा रहा है. लेकिन देखा जा रहा है कि हालात इतनी बिगड़ गई है कि निचले स्तर पर मारपीट ,पथराव, गोली और बम तो चल ही रहे हैं. लेकिन बड़े-बड़े नेता भी भड़काऊ बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं.

इसी का नतीजा हैकि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने राज्य के दो मंत्रियों की मौजूदगी में मंगलवार को कोलकाता में शांति रैली निकाली थी उसमें नारे लग रहे थे’ बंगाल के गद्दारों को गोली मारो … को’.

हालांकि, इस नारे से तृणमूल ने खुद को अलग कर लिया और यह नारा लगाने वाले कार्यकर्ताओं को फटकार भी लगाई.

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