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लोगों की सेवा में तत्पर हैं आंनदलोक अस्पताल के मालिक देव कुमार सराफ

प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों को करा रहें हैं भोजन

अंशुमान।
कोलकाता। बंगाल में एक राजा हुआ करते थे जिनका नाम गौरी सेन था। उनके नाम पर एक कहावत आज भी मशहूर है के देबे गौरी सेन। आज उनके नाम को सार्थक कर रहें है आनंदलोक अस्पताल के मालिक देव कुमार सराफ। अपने दोस्तों व शुभचिंतकों के बीच डीके सर के नाम से जाने जाने वाले यह शख्स पूरे कोलकाता में अपनी समाज सेवा के कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं। वैसे इनके आलोचक भी कम नहीं हैं। वह मारवाडी समाज से आते हैं। लगातार इसके बाद भी अपने समाज की आलोचना करने से भी नहीं चुकते। यह आलोचना व बंद कमरे में नहीं बल्कि अखबार में बाकायदा विज्ञापन देकर करते हैं। उनके आलोचकों का कहना है कि वह अपनी काली कमाई का उपयोग कर दान धर्म करतें हैं। लेकिन इस आरोप से अलहदा श्री सराफ अपना कार्य बखूबी निभा रहे हैं। कभी गरीबी में जीवन यापन करने की वजह से उनको जो तकलीफ उठानी पडी, वह आज तक उनके जेहन में है। यही उनकी प्रेरणा का आधार है। तमाम आलोचना के बाद भी वह दो काम करना बंद नहीं करते एक अखबार को विज्ञापन देकर अपनी बात कहना दूसरा गरीब और बेसहारा लोगों के काम आना। अगर कहीं गिनीस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में उनका नाम आ जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। आनंदलोक अस्पताल में भी सबसे कम खर्च में लोगों की चिकित्सा करने का उनका दावा है। 80 साल पूरे कर चुकने के बाद भी उनका जोश आज भी युवाओं की तरह है। भले ही उनके आलोचकों ने आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोडी है, लेकिन वह अपनी समाज सेवा से आज भी मिसाल हैं।

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