तपन घोष के निधन से गेरुआ शिविर में शोक की लहर
हिंदुत्व के प्रचार में श्री घोष की अतुलनीय भूमिका
कोलकाता। भाजपा को पश्चिम बंगाल में आधार देने में अतुलनीय भूमिका निभाने वाले व आरएसएस के प्रचारक रहे तपन घोष के निधन से गेरुआ शिविर में शोक की लहर बनी हुई है। श्री घोष ने बंगाल में हिंदुत्व के प्रचार प्रसार में अपना जीवन अर्पित कर दिया था। वह पिछले कई दशकों से हिंदुत्वह के प्रचार का सबसे मजबूत चेहरा थे। वर्तमान भाजपा अध्यशक्ष दिलीप घोष भी उनके मुरीद रह चुके हैं। तपन घोष ने भारतीय जनता पार्टी को न सिर्फ मजबूत कैडर दिया बल्कि आज जो भी राज्य कमेटी में प्रथम श्रेणी के नेता हैं उनके पीछे तपन घोष की अथक साधना है। उन्होंने वर्ष 2007 में हिंदू संहति नामक भगवा दल का गठन कर हिंदुत्व का प्रचार प्रसार आरंभ किया था। यह पश्चिम बंगाल में वही स्थान रखता है, जो कि महाराष्ट्र में शिवसेना का है। यह हिंदुओं के मसले को जोरदार तरीके से उठाने का कार्य करता रहा है। भले ही यह राजनीतिक दल नहीं था, लेकिन अपने आक्रामक तरीकों की वजह से तपन घोष हमेशा चर्चा में रहे थे। न्यू,ज बंगाल तपन घोष की आत्मा की शांति की कामना करता है।