कोलकाता :- कोलकाता नगर निगम (KMC)की ओर से श’वों को श्मशान में दाह संस्कार के लिए ले जाने के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसमें अमानवीय रूप से सड़ चुके शवों को घसीट कर गाड़ी में डाला जा रहा है. इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व उनकी सरकार चौतरफा आलोचनाओं में घिर चुकी है.
पश्चिम बंगाल राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मृत लोगों के शवों के साथ किए गए दुर्व्यवहार पर नाराजगी व्यक्त की है. गुरुवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्विटर के माध्यम से पश्चिम बंगाल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस प्रकार से शवों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है. वह अमानवीय है. सभ्य समाज में इसके लिए कोई जगह नहीं.
उन्होंने राज्य सरकार को सभी शवों का सम्मान के साथ दाह संस्कार करने का निर्देश दिया.
इसके साथ ही राज्यपाल ने इस पूरे घटनाक्रम के बारे में राज्य के मुख्य सचिव से जवाबतलब किया. राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल सरकार से सभी समूह के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि मृ’तक को कब भर्ती किया गया था, उसका किस अस्पताल में क्या इलाज किया गया, मृत्यु का कारण क्या है और सबसे महत्वपूर्ण उसके बेड हेड टिकट की जानकारी जरूर उपलब्ध करायें.उन्होंने कहा कि कोई कैसे किसी इंसान के शव के साथ इस प्रकार की घिनौनी हरकत कर सकता है. यह मानवता के लिए शर्म की बात है. राज्यपाल ने कहा कि सभी शवों का दाह संस्कार नियम व प्रोटोकॉल को मानते हुए पूरे सम्मान से करना होगा. वहीं, इस प्रकार की घटना का पर्दाफाश करने वालों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर भी राज्यपाल ने नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा, हम पुलिस राज्य में नहीं है. इस प्रकार से लोगों में डर पैदा करना लोकतंत्र के खिलाफ है. साथ ही राज्यपाल ने बताया कि उनके द्धारा पूछे गये सवालों का मुख्य सचिव ने जवाब दिया है और वादा किया है कि शवों का दाह संस्कार नियमों का पालन करते हुए किया जायेगा.
वहीं, राज्यपाल ने कहा कि पुलिस अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रही है. इस प्रकार की अमानवीय आपराधिक घटना को अंजाम देनेवालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय पुलिस इस घटना का पर्दाफाश करने वालों के खिलाफ ही कार्रवाई कर रही है, जो कि गलत है. उन्होंने मुख्य सचिव से इस ओर भी ध्यान देने का निर्देश दिया
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने श्मशान से लाशों को ले जाने वाली वायरल वीडियो पर टिप्पणी करते हुए कहा : ये अमानवीयता की हद है. किसी की मृत देह को ममता जी आपके राज में जिस तरह से घसीट कर गाड़ी में पटका जा रहा है, वो असहनीय है. क्या सरकार इस बात की जवाबदेह नहीं है कि ये कृत्य क्यों किया गया. जनता में भय के साथ पश्चिम बंगाल सरकार के प्रति गुस्सा भी है.
वहीं प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा : इस वीडियो से सरकार का अमानवीय चेहरा सामने आ गया है. माकपा नंदीग्राम गोलीकांड के बाद मृत’कों की ला’शें छिपायी थी और अब तृणमूल कांग्रेस की सरकार कोरोना में मृत लोगों की ला’शें छिपा रही है.
उन्होंने कहा कि विदेशी शत्रु की लाश के साथ भी इतना अमानवीय व्यवहार नहीं किया जाता है, जितना वीडियो में देखी जा रही ला’शों से किया गया है. भारतीय संविधान में भी उल्लेखित है कि पार्थिव शरीर के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाये, लेकिन उसका पालन नहीं किया गया.
उन्होंने सवाल किया कि ला’शें श्मशान घाट से क्यों निकाली जा रही थी. मॉर्ग में शवों को क्यों नहीं रखा गया था. इससे संदेह साफ है कि कोरोना में मृ’त लोगों की लाशें छिपायी जा रही थी. सरकार पहले से ही कोरोना मृतकों की सूची छिपा रही है. परिवार के सदस्यों को कोरोना मृत’कों की जानकारी नहीं दी जाती थी. वास्तव में छिपाने के चक्कर में सब कुछ उजागर हो जा रहा है. इससे सरकार की मानसिकता का परिचय मिलता है.
वहीं राज्य विधानसभा में वाममोर्चा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने एक पत्र लिख कोलकाता नगर निगम के मुखिया व राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम से पूछा है कि यह पूरा वाकया उनके संज्ञान में जरूर होगा. ऐसे में लोगों का यह सवाल वाजिब है कि जो ला’शें वहां लेकर निगम कर्मचारी पहुंचे थे वे कौन हैं और उनकी मौ’त किस वजह से हुई है.